Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_86fcf90a7456bbe7a5ea6859f576542e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जो जहाँ के आइना हैं दिल उन्हों के सादा हैं - बक़ा उल्लाह 'बक़ा' कविता - Darsaal

जो जहाँ के आइना हैं दिल उन्हों के सादा हैं

जो जहाँ के आइना हैं दिल उन्हों के सादा हैं

दिल में जा देने को वो हर एक के आमादा हैं

क़त्ल से आशिक़ के तू ने अब तो खाई है क़सम

आख़िर ऐ क़ातिल ये बातें पेश-पा-उफ़्तादा हैं

कल के दिन जो गिर्द मय-ख़ाने के फिरते थे ख़राब

आज मस्जिद में जो देखा साहब-ए-सज्जादा हैं

बंद में मुतलक़ जो मुझ को ख़तरा-ए-सय्याद हो

हूँ असीर-ए-दाम पर वज़एँ मिरी आज़ादा हैं

राह-पैमायान-ए-अक़्लीम-ए-अदम से यादगार

दामन-ए-सहरा में अब बाक़ी नुक़ूश-ए-जादा हैं

चश्म-ए-साक़ी के लिए हैं तेग़-ए-अबरू दोश पर

लग न चल उन से 'बक़ा' ये तुर्क मस्त-ए-बादा हैं

(735) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jo Jahan Ke Aaina Hain Dil Unhon Ke Sada Hain In Hindi By Famous Poet Baqaullah 'Baqa'. Jo Jahan Ke Aaina Hain Dil Unhon Ke Sada Hain is written by Baqaullah 'Baqa'. Complete Poem Jo Jahan Ke Aaina Hain Dil Unhon Ke Sada Hain in Hindi by Baqaullah 'Baqa'. Download free Jo Jahan Ke Aaina Hain Dil Unhon Ke Sada Hain Poem for Youth in PDF. Jo Jahan Ke Aaina Hain Dil Unhon Ke Sada Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Jo Jahan Ke Aaina Hain Dil Unhon Ke Sada Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.