ये रात जुदाई की बहुत रौशन है
ये रात जुदाई की बहुत रौशन है
फैला हुआ यादों का अभी दामन है
इस रात भी अश्कों के दिए जलते हैं
शायद मिरे ख़्वाबों का यहीं मदफ़न है
(1146) Peoples Rate This
ये रात जुदाई की बहुत रौशन है
फैला हुआ यादों का अभी दामन है
इस रात भी अश्कों के दिए जलते हैं
शायद मिरे ख़्वाबों का यहीं मदफ़न है
(1146) Peoples Rate This