ये रात जुदाई की बहुत रौशन है
ये रात जुदाई की बहुत रौशन है
फैला हुआ यादों का अभी दामन है
इस रात भी अश्कों के दिए जलते हैं
शायद मिरे ख़्वाबों का यहीं मदफ़न है
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ये रात जुदाई की बहुत रौशन है
फैला हुआ यादों का अभी दामन है
इस रात भी अश्कों के दिए जलते हैं
शायद मिरे ख़्वाबों का यहीं मदफ़न है
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