Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_a007fa20bf5951cf1a2fb9c614b2a00d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सादा काग़ज़ पे कोई नाम कभी लिख लेना! - बाक़र मेहदी कविता - Darsaal

सादा काग़ज़ पे कोई नाम कभी लिख लेना!

सादा काग़ज़ पे कोई नाम कभी लिख लेना!

हो सके मिलने की इक शाम कभी लिख लेना!

यूँ तो हम अहल-ए-जुनूँ कुछ भी नहीं करते हैं

गुमरही का ही सही काम कभी लिख लेना!

मय-गुसारों पे तड़पने की भी पाबंदी है

तिश्ना-कामों के लिए जाम कभी लिख लेना!

कितनी रौशन हैं समुंदर की चमकती रातें

डूबती लहरों का अंजाम कभी लिख लेना!

भूत ख़्वाबों में फ़रिश्ते से नज़र आते हैं

ज़ेहन में अपने ये औहाम कभी लिख लेना!

तोड़ के कितनी चटानों को निकल आए हैं

सारे जज़्बे हैं मगर ख़ाम कभी लिख लेना!

बिक रहा है सर-ए-बाज़ार हर इक दानिश-वर

हम से आवारा के कुछ दाम कभी लिख लेना!

जुर्म कोई नहीं 'बाक़र' को रिहा मत करना

कुछ न कुछ ढूँड के इल्ज़ाम कभी लिख लेना!

(1023) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Sada Kaghaz Pe Koi Nam Kabhi Likh Lena! In Hindi By Famous Poet Baqar Mehdi. Sada Kaghaz Pe Koi Nam Kabhi Likh Lena! is written by Baqar Mehdi. Complete Poem Sada Kaghaz Pe Koi Nam Kabhi Likh Lena! in Hindi by Baqar Mehdi. Download free Sada Kaghaz Pe Koi Nam Kabhi Likh Lena! Poem for Youth in PDF. Sada Kaghaz Pe Koi Nam Kabhi Likh Lena! is a Poem on Inspiration for young students. Share Sada Kaghaz Pe Koi Nam Kabhi Likh Lena! with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.