Khawab Poetry of Baqar Mehdi
नाम | बाक़र मेहदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Baqar Mehdi |
जन्म की तारीख | 1927 |
मौत की तिथि | 2006 |
जन्म स्थान | Mumbai |
टूटे शीशे की आख़िरी नज़्म
रेत और दर्द
निरवान
नई जुस्तुजू का अलमिया
गोडो
बहुत है एक नज़र
तबाह हो के भी इक अपनी आन बाक़ी है
इस दर्जा हुआ ख़ुश कि डरा दिल से बहुत मैं
बुझी बुझी है सदा-ए-नग़्मा कहीं कहीं हैं रबाब रौशन
बदल के रख देंगे ये तसव्वुर कि आदमी का वक़ार क्या है
अजीब दिल में मिरे आज इज़्तिराब सा है!
अब ख़ानुमाँ-ख़राब की मंज़िल यहाँ नहीं