एक उलझन रात दिन पलती रही दिल में कि हम
एक उलझन रात दिन पलती रही दिल में कि हम
किस नगर की ख़ाक थे किस दश्त में ठहरे रहे
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किस नगर की ख़ाक थे किस दश्त में ठहरे रहे
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