Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_cfe825463fcde9ab602fed1d190d0fb9, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दूसरा जन्म - बलराज कोमल कविता - Darsaal

दूसरा जन्म

उदासी घनी और गहरी उदासी का साया

शगूफ़ों की सरगोशियाँ

चंद चेहरों के ख़ाके

निगाहों के मौहूम से दाएरों में कोई अजनबी बे-ज़बाँ रौशनी

ये न फ़र्दा न मौजूद

ये मुंक़लिब हो रहा है जो लम्हा

अगर ये अमल है तो सिर्फ़ अमल है

लब-ए-जू-ए-मय ख़ामुशी

और सैद-ए-फ़ुग़ाँ कोई हर्फ़-ए-तकल्लुम

कहीं रहगुज़र पर मिरे चश्म-ओ-लब

और आवाज़ से रौशनी की कशाकश

बहुत फ़ासला है मिरे और मेरे तसव्वुर के साहिल में

उस से परे इक जहान-ए-दिगर है

लब-ए-जू-ए-मय ग़र्क़-ए-आफ़ाक़ हूँ

दूसरी बार शायद जन्म ले रहा हूँ

(11639) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dusra Janm In Hindi By Famous Poet Balraj Komal. Dusra Janm is written by Balraj Komal. Complete Poem Dusra Janm in Hindi by Balraj Komal. Download free Dusra Janm Poem for Youth in PDF. Dusra Janm is a Poem on Inspiration for young students. Share Dusra Janm with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.