बकुल देव कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बकुल देव
नाम | बकुल देव |
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अंग्रेज़ी नाम | Bakul Dev |
जन्म की तारीख | 1980 |
जन्म स्थान | Pilani, Rajasthan |
ज़ेर-ए-लब रख छुपा के नाम उस का
वही आँसू वही माज़ी के क़िस्से
उतर जाता तो रुस्वाई बहुत होती
तअ'ल्लुक़ तर्क तो कर लें सभी से
शाम उतरी है फिर अहाते में
समुंदर है कोई आँखों में शायद
सम्त दुनिया के हम गए ही नहीं
मुस्कुराने का फ़न तो बअ'द का है
मिले अब के तो रोए टूट कर हम
मैं सारे फ़ासले तय कर चुका हूँ
ख़्वाब नद्दी सा गुज़र जाएगा
कशिश तुझ सी न थी तेरे ग़मों में
हम जो टूटे हैं बता हार भला किस की हुई
हवस शामिल है थोड़ी सी दुआ में
हमें इस तरह ही होना था आबाद
एक नश्शा है ख़ुद-नुमाई भी
बअ'द मुद्दत ये जिला किस के हुनर ने बख़्शी
और कुछ देर ग़म नज़र में रख
अब के ताबीर मसअला न रहे
आइने में है फिर वही सूरत
ये किस की याद का दिल पर रफ़ू था
यकायक अक्स धुँदलाने लगे हैं
तिरा लहज़ा वही तलवार जैसा था
समाअ'त के लिए इक इम्तिहाँ है
मिरे कुछ भी कहे को काटता है
कौन कहता है ठहर जाना है
कम न होगी ये सरगिरानी क्या
जो है चश्मा उसे सराब करो
जान ले ले न ज़ब्त-ए-आह कहीं
हुए हम बे-सर-ओ-सामान लेकिन