Heart Broken Poetry of Bakhsh Layalpuri

Heart Broken Poetry of Bakhsh Layalpuri
नामबख़्श लाइलपूरी
अंग्रेज़ी नामBakhsh Layalpuri
जन्म की तारीख1934
मौत की तिथि2002
जन्म स्थानLondon

वही पत्थर लगा है मेरे सर पर

घर भी वीराना लगे ताज़ा हवाओं के बग़ैर

दर्द-ए-हिजरत के सताए हुए लोगों को कहीं

उसी के ज़ुल्म से मैं हालत-ए-पनाह में था

तिश्नगी-ए-लब पे हम अक्स-ए-आब लिक्खेंगे

समुंदर का तमाशा कर रहा हूँ

रुत न बदले तो भी अफ़्सुर्दा शजर लगता है

रुख़-ए-हयात है शर्मिंदा-ए-जमाल बहुत

क़ातिल हुआ ख़मोश तो तलवार बोल उठी

पड़े हैं राह में जो लोग बे-सबब कब से

मिरे हर लफ़्ज़ की तौक़ीर रहने के लिए है

कोई शय दिल को बहलाती नहीं है

कभी आँखों पे कभी सर पे बिठाए रखना

जो पी रहा है सदा ख़ून बे-गुनाहों का

हुसूल-ए-मंज़िल-ए-जाँ का हुनर नहीं आया

दीदा-ए-बे-रंग में ख़ूँ-रंग मंज़र रख दिए

बख़्श लाइलपूरी Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बख़्श लाइलपूरी. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बख़्श लाइलपूरी. Share the बख़्श लाइलपूरी Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.