Hope Poetry of Bahram Ji
नाम | बहराम जी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bahram Ji |
कविताएं
Ghazal 12
Couplets 14
Love 11
Sad 11
Heart Broken 11
Hope 7
Friendship 13
Islamic 6
Sufi 2
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 2
Sharab 3
रखा सर पर जो आया यार का ख़त
कुफ़्र एक रंग-ए-क़ुदरत-ए-बे-इंतिहा में है
कब तसव्वुर यार-ए-गुल-रुख़्सार का फ़े'अल-ए-अबस
हम न बुत-ख़ाने में ने मस्जिद-ए-वीराँ में रहे
ग़मगीं नहीं हूँ दहर में तो शाद भी नहीं
दुनिया में इबादत को तिरी आए हुए हैं
बहस क्यूँ है काफ़िर-ओ-दीं-दार की