रिश्ता-ए-उल्फ़त रग-ए-जाँ में बुतों का पड़ गया
रिश्ता-ए-उल्फ़त रग-ए-जाँ में बुतों का पड़ गया
अब ब-ज़ाहिर शग़्ल है ज़ुन्नार का फ़े'अल-ए-अबस
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रिश्ता-ए-उल्फ़त रग-ए-जाँ में बुतों का पड़ गया
अब ब-ज़ाहिर शग़्ल है ज़ुन्नार का फ़े'अल-ए-अबस
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