Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3d1f07aa11959945ca449abe84bd9211, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जो है याँ अासाइश-ए-रंज-ओ-मेहन में मस्त है - बहराम जी कविता - Darsaal

जो है याँ अासाइश-ए-रंज-ओ-मेहन में मस्त है

जो है याँ अासाइश-ए-रंज-ओ-मेहन में मस्त है

कूचा-ए-जानाँ में हम हैं क़ैस बन में मस्त है

तेरे कूचे में है क़ातिल रक़्स-गाह-ए-आशिक़ाँ

कोई ग़लताँ सर-ब-कफ़ कोई कफ़न में मस्त है

मय-कदे में बादा-कश बुत-ख़ाने में हैं बुत-परस्त

जो है आलम में वो अपनी अंजुमन में मस्त है

निकहत-ए-ज़ुल्फ़-ए-सनम से याँ मोअत्तर है दिमाग़

कोई मुश्क-चीं कोई मुश्क-ए-ख़ुतन में मस्त है

है कोई महव-ए-नमाज़ और ख़ुम-कदे में कोई मस्त

दिल मिरा इश्क़-ए-बुतान-ए-दिल-शिकन में मस्त है

है मुसलमाँ को हमेशा आब-ए-ज़मज़म की तलाश

और हर इक बरहमन गंग-ओ-जमन में मस्त है

अक्स-ए-रू-ए-शम्अ-रू है मेरे दिल में जा-गुज़ीं

दिल मिरा इस आतिश-ए-लम'आ-फ़गन में मस्त है

है मिरा हर शेर-ए-तर 'बहराम' कैसा पुर-असर

जिस को देखो मज्लिस-ए-अहल-ए-सुख़न में मस्त है

(1218) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jo Hai Yan Aasaish-e-ranj-o-mehan Mein Mast Hai In Hindi By Famous Poet Bahram Ji. Jo Hai Yan Aasaish-e-ranj-o-mehan Mein Mast Hai is written by Bahram Ji. Complete Poem Jo Hai Yan Aasaish-e-ranj-o-mehan Mein Mast Hai in Hindi by Bahram Ji. Download free Jo Hai Yan Aasaish-e-ranj-o-mehan Mein Mast Hai Poem for Youth in PDF. Jo Hai Yan Aasaish-e-ranj-o-mehan Mein Mast Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Jo Hai Yan Aasaish-e-ranj-o-mehan Mein Mast Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.