Love Poetry of Badr Wasti
नाम | बद्र वास्ती |
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अंग्रेज़ी नाम | Badr Wasti |
अज़ाब होती हैं अक्सर शबाब की घड़ियाँ
नवेद-ए-सफ़र
ख़बर शाकी है
ज़ेहन और दिल में जो रहती है चुभन खुल जाए
तुम्हारे दिल में जो ग़म बसा है तो मैं कहाँ हूँ
फल दरख़्तों से गिरे थे आँधियों में थाल भर
इक़रार किसी दिन है तो इंकार किसी दिन
फ़िक्र-ए-अहल-ए-हुनर पे बैठी है
चराग़ों में अँधेरा है अँधेरे में उजाले हैं
बुरा हो कर भी वो अच्छा बहुत है