Love Poetry of Badiuzzama Khawar
नाम | बदीउज़्ज़माँ ख़ावर |
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अंग्रेज़ी नाम | Badiuzzama Khawar |
मुझ को नहीं मालूम कि वो कौन है क्या है
महसूस हो रहा है जो ग़म मेरी ज़ात का
कब बयाबाँ राह में आया ये समझा ही नहीं
जिसे भी देखिए प्यासा दिखाई देता है
जले हैं दिल न चराग़ों ने रौशनी की है
है बहुत मुश्किल निकलना शहर के बाज़ार में
आग ही काश लग गई होती