बाबर रहमान शाह कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बाबर रहमान शाह
नाम | बाबर रहमान शाह |
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अंग्रेज़ी नाम | Babar Rahman Shah |
थकन से चूर है सारा वजूद अब मेरा
मुफ़्लिसी ने जा-ब-जा लूटा हमें
किसी के जाल में आ कर मैं अपना दिल गँवा बैठा
दिल से आख़िर चराग़-ए-वस्ल बुझा
दिल ने हम से अजब ही काम लिया
ऐ परी-ज़ाद तेरे जाने पर
आतिश-ए-इश्क़ जब जलाती है
तुम को मैं जब सलाम करता हूँ
नहीं नहीं ये मिरा अक्स हो नहीं सकता
मान लो साहिबो कहा मेरा
किसी के जाल में आ कर मैं अपना दिल गँवा बैठा
दिल ने हम से अजब ही काम लिया
दास्तान-ए-ग़म तुझे बतलाएँ क्या