Love Poetry of B S Jain Jauhar
नाम | बीएस जैन जौहर |
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अंग्रेज़ी नाम | B S Jain Jauhar |
वही जिंस-ए-वफ़ा आख़िर फ़राहम होती जाती है
फिर किसी शख़्स की याद आई है
नग़्मे तड़प रहे हैं दिल-ए-बे-क़रार में
मेरी हर बात पे बे-बात ख़फ़ा होते हो
मेरी हर बात पे बे-बात ख़फ़ा होते हो
घटा सावन की उमडी आ रही है
घटा सावन की उमडी आ रही है
घर में रहते हुए डर लगता है
घर में रहते हुए डर लगता है
इक हूक सी जब दिल में उट्ठी जज़्बात हमारे आ पहुँचे