अज़रा वहीद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अज़रा वहीद
नाम | अज़रा वहीद |
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अंग्रेज़ी नाम | Azra Waheed |
तारीक उजालों में बे-ख़्वाब नहीं रहना
पर सऊबत रास्तों की गर्मियाँ भी दे गया
मसअले ज़ेर-ए-नज़र कितने थे
जलती बुझती हुई आँखों में सितारे लिक्खे
हवा के लब पे नए इंतिसाब से कुछ हैं
गिरे क़तरों में पत्थर पर सदा ऐसा भी होता है
ग़ुबार-ए-जाँ पस-ए-दीवार-ओ-दर समेटा है
फ़ज़ा का रंग निखरता दिखाई देता है