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नहीं - अज़रा अब्बास कविता - Darsaal

नहीं

तुम एक ख़याल की तरह मेरे दिल में

नहीं उतर सकते

न तुम मेरी आँखों में ख़्वाब बन सकते हो

अभी तो मैं तुम को देख रही हूँ

तुम को छू सकती हूँ

तुम्हारी उँगलियों की पोरें

सामान बाँधते हुए

मेरी पोरों से टकरा भी सकती हैं

लेकिन जब

ये सब कुछ नहीं होगा

मैं तुम्हें

एक याद में बदल दूँगी

और मिला दूँगी

अपनी उन यादों से

जिन्हें मैं भुला बैठी हूँ

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Nahin In Hindi By Famous Poet Azra Abbas. Nahin is written by Azra Abbas. Complete Poem Nahin in Hindi by Azra Abbas. Download free Nahin Poem for Youth in PDF. Nahin is a Poem on Inspiration for young students. Share Nahin with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.