Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e2df4d59c262aef117ef8774b7314a09, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जिला-वतन होने से पहले - अज़रा अब्बास कविता - Darsaal

जिला-वतन होने से पहले

इस ख़बर के आने के ब'अद

मैं अपने घर की खिड़कियाँ

बंद करती हूँ

बिजली के तार स्विच-ऑफ़ कर देती हूँ

फ्रीज़ में रखा खाना

पड़ोस में दे देती हूँ

बचा हुआ दूध गली की बिल्ली के आगे

डाल देती हूँ

और एक गिलास ठंडा पानी पीती हूँ

तमाम दरवाज़े लॉक कर के

सड़क पर निकल जाती हूँ

दोपहर से पहले

या रात के किसी पहर

सरकारी गाड़ी में

सरकारी मुर्दा-ख़ाने में

मुझे बाक़ी जिला-वतनों के साथ

फेंक दिया जाएगा

और एक ख़बर छपेगी

मुल्ज़िमा फुलाँ-बिंत-ए-फुलाँ के घर

पुराने संदूक़ में

पुराने कपड़ों की तहों में

बहुत सी नज़्में

क़ाबिल-ए-ए'तिराज़ हालत में पाई गईं

(976) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jila-watan Hone Se Pahle In Hindi By Famous Poet Azra Abbas. Jila-watan Hone Se Pahle is written by Azra Abbas. Complete Poem Jila-watan Hone Se Pahle in Hindi by Azra Abbas. Download free Jila-watan Hone Se Pahle Poem for Youth in PDF. Jila-watan Hone Se Pahle is a Poem on Inspiration for young students. Share Jila-watan Hone Se Pahle with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.