Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_d3691217c5ece61f6abfdd270c608955, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अँधेरा - अज़रा अब्बास कविता - Darsaal

अँधेरा

ये सब कुछ अँधेरे में ही होता है

बहुत से औज़ार और ना-मालूम हाथ

एक अँधेरी कोठरी में

क़ैद कोई भी

कोई भी हो सकता है

जिस का गला काटा जाता है

या टाँग या हाथ तोड़ तोड़ कर फेंका जाता है

किसी भी डस्टबिन में

लेकिन ये कैसे देखा जाए

जैसे आँखों को किसी तेज़ धार आले

से काट दिया गया हो

जाएज़ या ना-जाएज़

कौन फलता फूलता है

और कौन डस्टबिन में फेंका जाता है

सौ पॉवर के बल्ब की रौशनी

भी मद्धम पड़ जाती है

(907) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Andhera In Hindi By Famous Poet Azra Abbas. Andhera is written by Azra Abbas. Complete Poem Andhera in Hindi by Azra Abbas. Download free Andhera Poem for Youth in PDF. Andhera is a Poem on Inspiration for young students. Share Andhera with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.