Heart Broken Poetry of Azm Shakri
नाम | अज़्म शाकरी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Azm Shakri |
ज़िंदगी मेरी मुझे क़ैद किए देती है
ये जो दीवार अँधेरों ने उठा रक्खी है
सारे दुख सो जाएँगे लेकिन इक ऐसा ग़म भी है
अगर साए से जल जाने का इतना ख़ौफ़ था तो फिर
आँसुओं से लिख रहे हैं बेबसी की दास्ताँ
ये मत कहो कि भीड़ में तन्हा खड़ा हूँ मैं
तीरगी में सुब्ह की तनवीर बन जाएँगे हम
शब की आग़ोश में महताब उतारा उस ने
ख़ून आँसू बन गया आँखों में भर जाने के ब'अद
ख़ाक उड़ाते हुए ये म'अरका सर करना है
घर में चाँदी के कोई सोने के दर रख जाएगा
दरीदा-पैरहनों में शुमार हम भी हैं
अपने दुख-दर्द का अफ़्साना बना लाया हूँ
अजीब हालत है जिस्म-ओ-जाँ की हज़ार पहलू बदल रहा हूँ
अगर दश्त-ए-तलब से दश्त-ए-इम्कानी में आ जाते