Coupletss of Azm Shakri
नाम | अज़्म शाकरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Azm Shakri |
ज़िंदगी मेरी मुझे क़ैद किए देती है
ज़ख़्म जो तुम ने दिया वो इस लिए रक्खा हरा
यूँ बार बार मुझ को सदाएँ न दीजिए
ये जो दीवार अँधेरों ने उठा रक्खी है
शब की आग़ोश में महताब उतारा उस ने
सारे दुख सो जाएँगे लेकिन इक ऐसा ग़म भी है
मेरे जिस्म से वक़्त ने कपड़े नोच लिए
मैं ने इक शहर हमेशा के लिए छोड़ दिया
अजीब हालत है जिस्म-ओ-जाँ की हज़ार पहलू बदल रहा हूँ
अगर साए से जल जाने का इतना ख़ौफ़ था तो फिर
आँसुओं से लिख रहे हैं बेबसी की दास्ताँ
आज की रात दिवाली है दिए रौशन हैं