Ghazals of Azlan Shah
नाम | अज़लान शाह |
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अंग्रेज़ी नाम | Azlan Shah |
ज़रा सी देर में कश्कोल भरने वाला था
ये ख़ज़ाने का कोई साँप बना होता है
समझ के रस्ता इधर से गुज़रने वालों ने
सफ़र के ब'अद भी सफ़र का एहतिमाम कर रहा हूँ मैं
क़ुबूल होती हुई बद-दुआ से डरते हैं
पीरी नहीं चलती कि फ़क़ीरी नहीं चलती
माँगना ख़्वाहिश-ए-दीदार से आगे क्या है
किसी के नाम पे नन्हे दिए जलाते हुए
कमाँ न तीर न तलवार अपनी होती है
हारे हुए लोगों की कहानी की तरह हैं
हार को जीत के इम्कान से बाँधे हुए रख
दूसरा रुख़ नहीं जिस का उसी तस्वीर का है
दुनिया के लिए ज़हर न खालें कोई हम भी
बे-यक़ीनी का तअल्लुक़ भी यक़ीं से निकला