अज़ीज़ वारसी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अज़ीज़ वारसी
नाम | अज़ीज़ वारसी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Aziz Warsi |
जन्म की तारीख | 1921 |
मौत की तिथि | 1989 |
तुम्हारी ज़ात से मंसूब है दीवानगी मेरी
तुम पे इल्ज़ाम न आ जाए सफ़र में कोई
तिरी महफ़िल में फ़र्क़-ए-कुफ़्र-ओ-ईमाँ कौन देखेगा
मुझ से ये पूछ रहे हैं मिरे अहबाब 'अज़ीज़'
मोहतसिब आओ चलें आज तो मय-ख़ाने में
मोहब्बत लफ़्ज़ तो सादा सा है लेकिन 'अज़ीज़' इस को
मिरी तक़दीर से पहले सँवरना जिन का मुश्किल है
ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ
कैसे मुमकिन है कि हम दोनों बिछड़ जाएँगे
जहाँ में हम जिसे भी प्यार के क़ाबिल समझते हैं
ग़म-ए-उक़्बा ग़म-ए-दौराँ ग़म-ए-हस्ती की क़सम
इक वक़्त था कि दिल को सुकूँ की तलाश थी
दिल में अब कुछ भी नहीं उन की मोहब्बत के सिवा
ये हम पर लुत्फ़ कैसा ये करम क्या
उस ने मिरे मरने के लिए आज दुआ की
तिरी तलाश में निकले हैं तेरे दीवाने
तिरी महफ़िल में फ़र्क़-ए-कुफ़्र-ओ-ईमाँ कौन देखेगा
सोज़िश-ए-ग़म के सिवा काहिश-ए-फ़ुर्क़त के सिवा
शीशा लब से जुदा नहीं होता
ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ
जहाँ में हम जिसे भी प्यार के क़ाबिल समझते हैं
इतने नज़दीक से आईने को देखा न करो
हर जगह आप ने मुम्ताज़ बनाया है मुझे
इक हम कि उन के वास्ते महव-ए-फ़ुग़ाँ रहे
दिल में हमारे अब कोई अरमाँ नहीं रहा
आख़िर-ए-शब वो तेरी अंगड़ाई