Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0eb136afc974b37c7213a369d8b59c02, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
लम्हों ने यूँ समेट लिया फ़ासला बहुत - अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी कविता - Darsaal

लम्हों ने यूँ समेट लिया फ़ासला बहुत

लम्हों ने यूँ समेट लिया फ़ासला बहुत

मैं ने पढ़ा तो कुछ न था लेकिन पढ़ा बहुत

कितने जुनूँ-नवाज़ बिछड़ के चले गए

जोश-ए-जुनूँ के साथ न था वलवला बहुत

डूबा सफ़ीना जिस में मुसाफ़िर कोई न था

लेकिन भरे हुए थे वहाँ ना-ख़ुदा बहुत

सौ दाएरों में बट के नुमायाँ न हो सके

सोचो अगर तो होगा बस इक दायरा बहुत

शायद यही किताब-ए-मोहब्बत हो ला-जवाब

मेरी वफ़ा के साथ है तेरी जफ़ा बहुत

ज़ख़्मों के साथ साथ नमक-पाशियाँ भी थीं

देखा है मेरे इश्क़ ने ये सिलसिला बहुत

आँखों में दम टिका है वो आ जाएँ इस घड़ी

दस्त-ए-तलब है मेरे लिए ये दुआ बहुत

तुझ को 'शहीद' सादा-दिली की नज़र लगी

इम्कान वर्ना तेरे लिए भी रहा बहुत

(1003) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Lamhon Ne Yun SameT Liya Fasla Bahut In Hindi By Famous Poet Aziz-ur-Rahman Shaheed Fatehpuri. Lamhon Ne Yun SameT Liya Fasla Bahut is written by Aziz-ur-Rahman Shaheed Fatehpuri. Complete Poem Lamhon Ne Yun SameT Liya Fasla Bahut in Hindi by Aziz-ur-Rahman Shaheed Fatehpuri. Download free Lamhon Ne Yun SameT Liya Fasla Bahut Poem for Youth in PDF. Lamhon Ne Yun SameT Liya Fasla Bahut is a Poem on Inspiration for young students. Share Lamhon Ne Yun SameT Liya Fasla Bahut with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.