Ghazals of Aziz Qaisi
नाम | अज़ीज़ क़ैसी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aziz Qaisi |
जन्म की तारीख | 1913 |
मौत की तिथि | 1992 |
वालिहाना मिरे दिल में मिरी जाँ में आ जा
उन्हें सवाल ही लगता है मेरा रोना भी
उलझाओ का मज़ा भी तिरी बात ही में था
तमीज़ अपने में ग़ैर में क्या तुम्हें जो अपना न कर सके हम
रात की रात पड़ाव का मेला कोच की धूल सवेरे
पस-ए-तर्क-ए-इश्क़ भी उम्र-भर तरफ़-ए-मिज़ा पे तरी रही
मिटा के अंजुमन-ए-आरज़ू सदा दी है
जितने थे रंग हुस्न-ए-बयाँ के बिगड़ गए
हर आँख लहू सागर है मियाँ हर दिल पत्थर सन्नाटा है
दिल-ख़स्तगाँ में दर्द का आज़र कोई तो आए
अपनों के करम से या क़ज़ा से
आह-ए-बे-असर निकली नाला ना-रसा निकला