Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_d5513e6208b7b2f9d6ae1841a5f097a0, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
बातों में बहुत गहराई है, लहजे में बड़ी सच्चाई है - अज़ीज़ नबील कविता - Darsaal

बातों में बहुत गहराई है, लहजे में बड़ी सच्चाई है

बातों में बहुत गहराई है, लहजे में बड़ी सच्चाई है

सब बातें फूलों जैसी हैं, आवाज़ मधुर शहनाई है

ये बूँदें पहली बारिश की, ये सोंधी ख़ुशबू माटी की

इक कोयल बाग़ में कूकी है, आवाज़ यहाँ तक आई है

बदनाम बहुत है राह-गुज़र, ख़ामोश नज़र, बेचैन सफ़र

अब गर्द जमी है आँखों में और दूर तलक रुस्वाई है

दिल एक मुसाफ़िर है बे-बस, जिसे नोच रहे हैं पेश-ओ-पस

इक दरिया पीछे बहता है और आगे गहरी खाई है

अब ख़्वाब नहीं कम-ख़्वाब नहीं, कुछ जीने के अस्बाब नहीं

अब ख़्वाहिश के तालाब पे हर सू मायूसी की काई है

पहले कभी महफ़िल जमती थी महफ़िल में कहीं तुम होते थे

अब कुछ भी नहीं यादों के सिवा, बस मैं हूँ मिरी तन्हाई है

(1116) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Baaton Mein Bahut Gahrai Hai, Lahje Mein BaDi Sachchai Hai In Hindi By Famous Poet Aziz Nabeel. Baaton Mein Bahut Gahrai Hai, Lahje Mein BaDi Sachchai Hai is written by Aziz Nabeel. Complete Poem Baaton Mein Bahut Gahrai Hai, Lahje Mein BaDi Sachchai Hai in Hindi by Aziz Nabeel. Download free Baaton Mein Bahut Gahrai Hai, Lahje Mein BaDi Sachchai Hai Poem for Youth in PDF. Baaton Mein Bahut Gahrai Hai, Lahje Mein BaDi Sachchai Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Baaton Mein Bahut Gahrai Hai, Lahje Mein BaDi Sachchai Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.