Hope Poetry of Aziz Lakhnavi
नाम | अज़ीज़ लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aziz Lakhnavi |
जन्म की तारीख | 1882 |
मौत की तिथि | 1935 |
जन्म स्थान | Lucknow |
ये तेरी आरज़ू में बढ़ी वुसअत-ए-नज़र
मिरे दहन में अगर आप की ज़बाँ होती
लुत्फ़-ए-बहार कुछ नहीं गो है वही बहार
झूटे वादों पर थी अपनी ज़िंदगी
बनी हैं शहर-आशोब-ए-तमन्ना
लज़्ज़त-ए-ग़म
ये मशवरा बहम उठ्ठे हैं चारा-जू करते
ये ग़लत है ऐ दिल-ए-बद-गुमाँ कि वहाँ किसी का गुज़र नहीं
वो निगाहें क्या कहूँ क्यूँ कर रग-ए-जाँ हो गईं
तिरी कोशिश हम ऐ दिल सई-ए-ला-हासिल समझते हैं
रस्म ऐसों से बढ़ाना ही न था
क्यूँ न हो शौक़ तिरे दर पे जबीं-साई का
कुछ हिसाब ऐ सितम ईजाद तो कर
काश सुनते वो पुर-असर बातें
कर चुके बर्बाद दिल को फ़िक्र क्या अंजाम की
जो यहाँ महव-ए-मा-सिवा न हुआ
जीते हैं कैसे ऐसी मिसालों को देखिए
जीते हैं कैसे ऐसी मिसालों को देखिए
इंतिहा-ए-इश्क़ हो यूँ इश्क़ में कामिल बनो
दिल कुश्ता-ए-नज़र है महरूम-ए-गुफ़्तुगू हूँ
दिल का छाला फूटा होता
देख कर हर दर-ओ-दीवार को हैराँ होना
चश्म-ए-साक़ी का तसव्वुर बज़्म में काम आ गया
भड़क उट्ठेंगे शो'ले एक दिन दुनिया की महफ़िल में
बताऊँ क्या कि मिरे दिल में क्या है