Sad Poetry of Aziz Hyderabadi
नाम | अज़ीज़ हैदराबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aziz Hyderabadi |
नाले हैं न आहें हैं न रोना न तड़पना
मुश्किल है इमतियाज़-ए-अज़ाब-ओ-सवाब में
गिन रहा हूँ हर्फ़ उन के अहद के
दिल ठिकाने हो तो सब कुछ है अज़ीज़
दर्द सहने के लिए सदमे उठाने के लिए
आराम अपने बस का है बस मैं नहीं है किया
आँखों में तिरी शक्ल है दिल में है तिरी याद
ज़ालिम तिरे वादों ने दीवाना बना रक्खा
वहशत-ए-दिल का अजब रंग नज़र आता है
उठाईं हिज्र की शब दिल ने आफ़तें क्या क्या
नाज़नीनान-ए-जहाँ शोबदा-गर पक्के हैं
नारा-ए-तकबीर भी ज़ाहिद निसार-ए-नग़मा है
नाले दम लेते नहीं या-रब फ़ुग़ाँ रुकती नहीं
न बदलना था न बदला दिल-ए-शैदा अपना
क्यूँ ख़फ़ा हो क्यूँ इधर आते नहीं
जफ़ा देखनी थी सितम देखना था
इन की ठोकर में शरारत होगी
दर्द जाता नज़र नहीं आता
बढ़ गईं गुस्ताख़ियाँ मेरी सज़ा के साथ साथ