Ghazals of Aziz Hyderabadi
नाम | अज़ीज़ हैदराबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aziz Hyderabadi |
ज़िंदगी नाम है मोहब्बत का
ज़ालिम तिरे वादों ने दीवाना बना रक्खा
वहशत-ए-दिल का अजब रंग नज़र आता है
उठाईं हिज्र की शब दिल ने आफ़तें क्या क्या
शोख़ी उफ़-रे तिरी नज़र की
शोख़ी से कश्मकश नहीं अच्छी हिजाब की
निगाह-ए-नाज़ में हया भी है
नाज़नीनान-ए-जहाँ शोबदा-गर पक्के हैं
नारा-ए-तकबीर भी ज़ाहिद निसार-ए-नग़मा है
नाले दम लेते नहीं या-रब फ़ुग़ाँ रुकती नहीं
न बदलना था न बदला दिल-ए-शैदा अपना
मोहब्बत का मुझे दावा ही क्या है
क्यूँ ख़फ़ा हो क्यूँ इधर आते नहीं
कोई रुस्वा कोई सौदाई है
जफ़ा देखनी थी सितम देखना था
इन की ठोकर में शरारत होगी
दर्द जाता नज़र नहीं आता
बढ़ गईं गुस्ताख़ियाँ मेरी सज़ा के साथ साथ