उन को ऐ नर्म हवा ख़्वाब-ए-जुनूँ से न जगा
उन को ऐ नर्म हवा ख़्वाब-ए-जुनूँ से न जगा
रात मय-ख़ाने की आए हैं गुज़ारे हुए लोग
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उन को ऐ नर्म हवा ख़्वाब-ए-जुनूँ से न जगा
रात मय-ख़ाने की आए हैं गुज़ारे हुए लोग
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