एक तरफ़ रू-ए-जानाँ था जलती आँख में एक तरफ़
एक तरफ़ रू-ए-जानाँ था जलती आँख में एक तरफ़
सय्यारों की राख में मिलती रात थी इक बेदारी की
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एक तरफ़ रू-ए-जानाँ था जलती आँख में एक तरफ़
सय्यारों की राख में मिलती रात थी इक बेदारी की
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