Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_79d1f8cf2d34e1f90c48735a768a5fdc, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
नरमी हवा की मौज-ए-तरब-ख़ेज़ अभी से है - अज़ीज़ हामिद मदनी कविता - Darsaal

नरमी हवा की मौज-ए-तरब-ख़ेज़ अभी से है

नरमी हवा की मौज-ए-तरब-ख़ेज़ अभी से है

ऐ हम-सफ़ीर आतिश-ए-गुल तेज़ अभी से है

इक ताज़ा-तर सवाद-ए-मोहब्बत में ले चली

वो बू-ए-पैरहन कि जुनूँ-ख़ेज़ अभी से है

इक ख़्वाब-ए-ताएरान-ए-बहाराँ है उस की आँख

ताबीर-ए-अब्र-ओ-बाद से लबरेज़ अभी से है

शब-ताब अभी से उस की क़बाओं के रंग हैं

इक दास्ताँ जबीन-ए-गुहर-रेज़ अभी से है

गुज़री है एक रौ मिज़ा-ए-ख़्वाब-नाक की

दिल में लहू का रंग बहुत तेज़ अभी से है

आईना ले के खो गई उम्र-ए-नवा-ख़िराम

ताज़ा-रुख़ी का मोड़ बला-ख़ेज़ अभी से है

मुबहम से एक ख़्वाब की ताबीर का है शौक़

नींदों में बादलों का सफ़र तेज़ अभी से है

इक ताज़ा मोहर-ए-लब से जुनूँ माँगता है नक़्श

जुम्बिश लबों की सिलसिला-आमेज़ अभी से है

शायद कि महरमाना भी उट्ठे तिरी निगाह

वैसे तिरी निगाह दिल-आवेज़ अभी से है

(712) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Narmi Hawa Ki Mauj-e-tarab-KHez Abhi Se Hai In Hindi By Famous Poet Aziz Hamid Madni. Narmi Hawa Ki Mauj-e-tarab-KHez Abhi Se Hai is written by Aziz Hamid Madni. Complete Poem Narmi Hawa Ki Mauj-e-tarab-KHez Abhi Se Hai in Hindi by Aziz Hamid Madni. Download free Narmi Hawa Ki Mauj-e-tarab-KHez Abhi Se Hai Poem for Youth in PDF. Narmi Hawa Ki Mauj-e-tarab-KHez Abhi Se Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Narmi Hawa Ki Mauj-e-tarab-KHez Abhi Se Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.