ये दिया मैसेज ट्वीटर पर फ़सादी शख़्स ने
उस को जलती के लिए फ़िल-फ़ौर ऑइल चाहिए
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न ये क़ानून काम आया था राँझे के ज़रा सा भी
मोअर्रिख़ लिख न दें सुक़रात मुझ को
कूदे हैं उस के सेहन में दो-चार शेर-दिल
कितनी मज़ाहिया है ये बोतल के जिन की बात
दस बारा ग़ज़लियात जो रखता है जेब में
उमीद
मैं ने सुनाया उस को जो उर्दू में हाल-ए-दिल
केबल पे एक शेल्फ़ से जल्दी में सीख कर
वो साड़ी ज्यूलरी के तहाइफ़ पे थी ब-ज़िद
वो हसब-ए-शहर कर लेता है मस्लक में भी तब्दीली
मैं एक बोरी में लाया हूँ भर के मूँग-फली