Hope Poetry of Aziz Bano Darab Wafa
नाम | अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Aziz Bano Darab Wafa |
जन्म की तारीख | 1926 |
मौत की तिथि | 2005 |
जन्म स्थान | Lucknow |
मैं रौशनी हूँ तो मेरी पहुँच कहाँ तक है
इस घर के चप्पे चप्पे पर छाप है रहने वाले की
चराग़ बन के जली थी मैं जिस की महफ़िल में
आज कम-अज़-कम ख़्वाबों ही में मिल के पी लेते हैं, कल
ज़रा सी देर में वो जाने क्या से क्या कर दे
ये हौसला भी किसी रोज़ कर के देखूँगी
वो ये कह कह के जलाता था हमेशा मुझ को
टटोलता हुआ कुछ जिस्म ओ जान तक पहुँचा
फूँक देंगे मिरे अंदर के उजाले मुझ को
न याद आया न भूला न सानेहा मुझ को
मुझे कहाँ मिरे अंदर से वो निकालेगा
मेरा भी हर अंग था बहरा उस का जिस्म भी गूँगा था
मैं उस की बात के लहजे का ए'तिबार करूँ
हम कोई नादान नहीं कि बच्चों की सी बात करें
हटा के मेज़ से इक रोज़ आईना मैं ने