दुनिया के जंजाल न पूछ
दुनिया के जंजाल न पूछ
तुझ बिन मेरा हाल न पूछ
किस ने लिया सर आँखों पर
किस ने किया पामाल न पूछ
उस की आँखों को तू पढ़
क्यूँ है चेहरा लाल न पूछ
बिखर गया रेज़ा रेज़ा
जीवन का भौंचाल न पूछ
मुस्तक़बिल के सपने देख
बीते माह-ओ-साल न पूछ
तू जो चाहे हुक्म सुना
मुझ से मिरे आ'माल न पूछ
'मीर' के घर की हालत देख
मेरे घर का हाल न पूछ
जिस ने बचाया ख़ंजर से
किस की थी वो ढाल न पूछ
कैसे दें बच्चों को 'अज़ीज़'
सब्ज़ी रोटी दाल न पूछ
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