Heart Broken Poetry of Aziz Ahmad Khan Shafaq
नाम | अज़ीज अहमद ख़ाँ शफ़क़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Aziz Ahmad Khan Shafaq |
रात इक शख़्स बहुत याद आया
न जाने कौन अपाहिज बना रहा है हमें
बहुत दिनों से इधर उस को याद भी न किया
अंधेरा इतना है अब शहर के मुहाफ़िज़ को
यही नहीं कि नज़र को झुकाना पड़ता है
वक़्त जब राह की दीवार हुआ
ख़ाक ओ ख़ला का हिसार और मैं
जुनूँ-नवाज़ सफ़र का ख़याल क्यूँ आया