Heart Broken Poetry of Azhar Naqvi
नाम | अज़हर नक़वी |
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अंग्रेज़ी नाम | Azhar Naqvi |
उतर कर पानियों में चाँद महव-ए-रक़्स रहता है
शहर गुम-सुम रास्ते सुनसान घर ख़ामोश हैं
नहीं है पर कोई इम्कान हो भी सकता है
कोई ऐसी बात है जिस के डर से बाहर रहते हैं
किनारों से जुदा होता नहीं तुग़्यानियों का दुख
गिर्या-ए-शब की शहादत के लिए जागते हैं
गिर्दाब-ए-रेग-ए-जान से मौज-ए-सराब तक
एक इक साँस में सदियों का सफ़र काटते हैं
दिल कुछ देर मचलता है फिर यादों में यूँ खो जाता है
दर-पेश नहीं नक़्ल-ए-मकानी कई दिन से
चाक-ए-दामान-ए-क़बा दाग़-ए-जुनूँ-साज़ बहुत
अफ़्सुर्दगी-ए-दर्द-ए-फ़राक़त है सहर तक