सच बोलना चाहें भी तो बोला नहीं जाता

सच बोलना चाहें भी तो बोला नहीं जाता

झूटों के लिए शहर भी छोड़ा नहीं जाता

तुम कितना ही ओहदों से नवाज़ों हमें लेकिन

नफ़रत का शजर हम से तो बोया नहीं जाता

सोचो तो जवानी कभी वापस नहीं आती

देखो तो कभी आ के बुढ़ापा नहीं जाता

दिल पर तो बहुत ज़ख़्म ज़माने के लगे हैं

ख़ुद-दारी से लेकिन कभी रोया नहीं जाता

दुनिया भी सुकूँ से कभी रहने नहीं देती

नौहा भी कभी अपनों का लिक्खा नहीं जाता

पहरे मिरे होंटों पे लगा रक्खे हैं उस ने

चाहूँ मैं गिला करना तो बोला नहीं जाता

तिनके भी नहीं छोड़े हैं 'नय्यर' किसी घर के

सैलाब वो आया है कि देखा नहीं जाता

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Sach Bolna Chahen Bhi To Bola Nahin Jata In Hindi By Famous Poet Azhar Naiyyar. Sach Bolna Chahen Bhi To Bola Nahin Jata is written by Azhar Naiyyar. Complete Poem Sach Bolna Chahen Bhi To Bola Nahin Jata in Hindi by Azhar Naiyyar. Download free Sach Bolna Chahen Bhi To Bola Nahin Jata Poem for Youth in PDF. Sach Bolna Chahen Bhi To Bola Nahin Jata is a Poem on Inspiration for young students. Share Sach Bolna Chahen Bhi To Bola Nahin Jata with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.