Sad Poetry of Azhar Iqbal
नाम | अज़हर इक़बाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Azhar Iqbal |
हर एक सम्त यहाँ वहशतों का मस्कन है
ये बार-ए-ग़म भी उठाया नहीं बहुत दिन से
वो माहताब अभी बाम पर नहीं आया
तुम्हारी याद के दीपक भी अब जलाना क्या
हुई न ख़त्म तेरी रहगुज़ार क्या करते