फ़न उड़ानों का जब ईजाद किया था मैं ने
फ़न उड़ानों का जब ईजाद किया था मैं ने
कुछ परिंदों को भी आज़ाद किया था मैं ने
अब कोई शहर उजड़ता है तो ये लगता है
जैसे इस शहर को आबाद किया था मैं ने
शोर इतना हुआ आँगन में कि फिर भूल गया
आज बरसों में उसे याद किया था मैं ने
आप अय्याश नहीं आप बुरा मान गए
ज़िक्र-ए-सर्माया-ए-अज्दाद किया था मैं ने
आज-कल कुछ भी नहीं मान रहा है 'अज़हर'
अपने क़ाबू में जो हम-ज़ाद किया था मैं ने
(818) Peoples Rate This