Khawab Poetry of Azhar Inayati
नाम | अज़हर इनायती |
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अंग्रेज़ी नाम | Azhar Inayati |
जन्म की तारीख | 1946 |
उन के भी अपने ख़्वाब थे अपनी ज़रूरतें
नक़्श मिटते हैं तो आता है ख़याल
हर एक रात को महताब देखने के लिए
वो तड़प जाए इशारा कोई ऐसा देना
वो मेरा यार था मुझ को न ये ख़याल आया
रंगतें मासूम चेहरों की बुझा दी जाएँगी
क़यामत आएगी माना ये हादिसा होगा
जब तक सफ़ेद आँधी के झोंके चले न थे
इस बुलंदी पे कहाँ थे पहले
हर एक रात को महताब देखने के लिए
घर का रस्ता जो भूल जाता हूँ
चलते चलते साल कितने हो गए