Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_1c3e130447ffa612d5b3064c418bc42c, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तस्बीह-ए-कुमरी सर्व-ए-सनोबर समेट लो - अज़हर हाश्मी कविता - Darsaal

तस्बीह-ए-कुमरी सर्व-ए-सनोबर समेट लो

तस्बीह-ए-कुमरी सर्व-ए-सनोबर समेट लो

जाना है इस दयार से मंज़र समेट लो

पर्वाज़-ए-कामयाबी की बस इतनी शर्त है

चाहत हिसार-ए-नफ़स के अंदर समेट लो

उस अश्क की तड़प के मुक़ाबिल में कुछ नहीं

अब चाहे चश्म-ए-नम में समुंदर समेट लो

ताक़त पे पहले अपनी तो राज़ी ख़ुदा करो

फिर बाज़ूओं में तुम दर-ए-ख़ैबर समेट लो

मेरा मकाँ नहीं है ख़ता-बीं के वास्ते

आओ मगर मिज़ाज को बाहर समेट लो

'अज़हर' ये दौर-ए-ऐश है याँ जीने के लिए

आज़ुर्दा ज़ेहन और दिल-ए-मुज़्तर समेट लो

(840) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tasbih-e-qumri Sarw-e-sanobar SameT Lo In Hindi By Famous Poet Azhar Hashmi. Tasbih-e-qumri Sarw-e-sanobar SameT Lo is written by Azhar Hashmi. Complete Poem Tasbih-e-qumri Sarw-e-sanobar SameT Lo in Hindi by Azhar Hashmi. Download free Tasbih-e-qumri Sarw-e-sanobar SameT Lo Poem for Youth in PDF. Tasbih-e-qumri Sarw-e-sanobar SameT Lo is a Poem on Inspiration for young students. Share Tasbih-e-qumri Sarw-e-sanobar SameT Lo with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.