Love Poetry of Azhar Abbas
नाम | अज़हर अब्बास |
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अंग्रेज़ी नाम | Azhar Abbas |
ज़िंदगी कैसे लगी दीवार से
क़दम क़दम निशान ढूँढता रहा
मुझ को इतना तो यक़ीं है मैं हूँ
मिरी कहानी तिरी कहानी से मुख़्तलिफ़ है
जब तिरे ख़्वाब से बेदार हुआ करते थे
अपने वीराने का नुक़सान नहीं चाहता मैं
अजीब लगता है यूँही बिछा हुआ बिस्तर
ऐसे पामाल कि पहचान में आते ही नहीं