अज़ीज़ परीहारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अज़ीज़ परीहारी
नाम | अज़ीज़ परीहारी |
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अंग्रेज़ी नाम | Azeez Preehar |
सुब्ह आती है तो अख़बार से लग जाते हैं
मैं सोचता हूँ सबक़ मैं ने वो पढ़ा ही नहीं
ख़ुद से अब मुझ को जुदा यूँ ही मिरी जाँ रखना
खिड़कियाँ खोल के कैसी ये सदाएँ आईं