ख़ुलूस-ए-नियत-ए-रहबर पे मुनहसिर है 'अज़ीम'
ख़ुलूस-ए-नियत-ए-रहबर पे मुनहसिर है 'अज़ीम'
मक़ाम-ए-इश्क़ बहुत दूर भी है पास भी है
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ख़ुलूस-ए-नियत-ए-रहबर पे मुनहसिर है 'अज़ीम'
मक़ाम-ए-इश्क़ बहुत दूर भी है पास भी है
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