Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e42c3d7f060f0be50ee064ada72cc507, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
शबाब आया तड़पने और तड़पाने का वक़्त आया - अाज़म जलालाबादी कविता - Darsaal

शबाब आया तड़पने और तड़पाने का वक़्त आया

शबाब आया तड़पने और तड़पाने का वक़्त आया

अगर सच पूछिए बे-मौत मर जाने का वक़्त आया

अभी जी भर के पी लो फिर न जाने किस पे क्या गुज़रे

क़रीब अब शैख़-जी के वा'ज़ फ़रमाने का वक़्त आया

उन्हें पास-ए-हया ठहरा तो अपने पाँव लर्ज़ां हैं

हमारी जुरअतों का उन के शरमाने का वक़्त आया

घटा छाई बरसने को हैं बूँदें अब्र-ए-नीसाँ से

नहीं पीते जो नादाँ उन को समझाने का वक़्त आया

न हो जाए कहीं फिर आप से तुम तुम से तू 'आज़म'

हुदूद-ए-अक़्ल से बाहर निकल जाने का वक़्त आया

(675) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Shabab Aaya TaDapne Aur TaDpane Ka Waqt Aaya In Hindi By Famous Poet Azam Jalalabadi. Shabab Aaya TaDapne Aur TaDpane Ka Waqt Aaya is written by Azam Jalalabadi. Complete Poem Shabab Aaya TaDapne Aur TaDpane Ka Waqt Aaya in Hindi by Azam Jalalabadi. Download free Shabab Aaya TaDapne Aur TaDpane Ka Waqt Aaya Poem for Youth in PDF. Shabab Aaya TaDapne Aur TaDpane Ka Waqt Aaya is a Poem on Inspiration for young students. Share Shabab Aaya TaDapne Aur TaDpane Ka Waqt Aaya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.