Hope Poetry of Azad Gulati
नाम | आज़ाद गुलाटी |
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अंग्रेज़ी नाम | Azad Gulati |
जन्म की तारीख | 1935 |
वक़्त का ये मोड़ कैसा है कि तुझ से मिल के भी
उसे भी जाते हुए तुम ने मुझ से छीन लिया
तुम्हें भी मुझ में न शायद वो पहली बात मिले
शायद तुम भी अब न मुझे पहचान सको
वो रूह के गुम्बद में सदा बन के मिलेगा
तुम्हारे पास रहें हम तो मौत भी क्या है
तेरे क़दमों की आहट को तरसा हूँ
रौशनी फैली तो सब का रंग काला हो गया
मेरा तो नाम रेत के सागर पे नक़्श है
ख़ला-ए-ज़ेहन के गुम्बद में गूँजता हूँ मैं
कर्ब हरे मौसम का तब तक सहना पड़ता है
हर इक शिकस्त को ऐ काश इस तरह मैं सहूँ
हमारी आँख में ठहरा हुआ समुंदर था
डूब कर ख़ुद में कभी यूँ बे-कराँ हो जाऊँगा
अपनी सारी काविशों को राएगाँ मैं ने किया