Khawab Poetry of Azad Gulati
नाम | आज़ाद गुलाटी |
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अंग्रेज़ी नाम | Azad Gulati |
जन्म की तारीख | 1935 |
तुम्हारे पास रहें हम तो मौत भी क्या है
सरहद-ए-जिस्म से बाहर कहीं घर लिक्खा था
सरहद-ए-जिस्म से बाहर कहीं घर लिक्खा था
साहिल पे रुक के सू-ए-समुंदर न देखिए
मेरा तो नाम रेत के सागर पे नक़्श है
किस ने सदा दी कौन आया है
ख़ला-ए-ज़ेहन के गुम्बद में गूँजता हूँ मैं
बहुत लम्बा सफ़र तपती सुलगती ख़्वाहिशों का था
आने वाले हादसों के ख़ौफ़ से सहमे हुए