तिलिस्म-ए-इस्म-ए-मोहब्बत है दरपय-ए-दर-ए-दिल
तिलिस्म-ए-इस्म-ए-मोहब्बत है दरपय-ए-दर-ए-दिल
कोई बताए अब उस का करे तो क्या करे दिल
फ़ुसून-ए-जुम्बिश-ए-मिज़्गाँ न पूछिए सर-ए-राह
पुकारते ही रहे हम अरे अरे अरे दिल
फिर इस के ब'अद हमें ये भी तो नहीं रहा याद
नज़र गिरी है कहाँ खो गया कहाँ ज़र-ए-दिल
क़दम क़दम पे तिरा ग़म है ख़ेमा-ज़न मिरी जाँ
हुमक भरे भी तो आख़िर बता कहाँ भरे दिल
ये कुंज-ए-लब ये ख़ुमार-ए-विसाल अपनी जगह
मगर जो हिज्र मुसलसल बपा है बरसर-ए-दिल
ये तू जो मोहर-ब-लब है तो किस लिए 'ख़ावर'
ये देख क्या है तह-ए-दिल है और क्या सर-ए-दिल
(1025) Peoples Rate This