सात सुरों का बहता दरिया तेरे नाम
सात सुरों का बहता दरिया तेरे नाम
हर सुर में है रंग-धनक का तेरे नाम
जंगल जंगल उड़ने वाले सब मौसम
और हुआ है सब्ज़ दुपट्टा तेरे नाम
हिज्र की शाम अकेली रात के ख़ाली दर
सुब्ह-ए-फ़िराक़ का ज़र्द उजाला तेरे नाम
तेरे बिना जो उम्र बताई बीत गई
अब इस उम्र का बाक़ी हिस्सा तेरे नाम
इन शाइर आँखों ने जितने रंग चुने
उन का अक्स और मेरा चेहरा तेरे नाम
दुख के गहरे नीले समुंदर में 'ख़ावर'
उस की आँखें एक जज़ीरा तेरे नाम
(3352) Peoples Rate This